Monday, September 7, 2009

राहे-इश्क - 2

वोह तुझसे ही बतियायेगा, मुझे देखेगा भी नहीं,
मुझे दोज़ख देगा, जन्नत में रखेगा ही नहीं,
ये हश्र करेगा खुदा, मेरी उम्र तमाम के बाद,
क्योंकि लेता हूँ उसका नाम तेरे नाम के बाद।

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